Sunday, January 4, 2015

अभी हमारे हुनर का अन्दाजा नहीं है आपको

कलम से____
अभी हमारे हुनर का अन्दाजा
नहीं है आपको
हम तो
उन्हें भी जीना सिखा देते हैं
जो
मरने का शौक रखते हैं
मरना तो बहुत आसां है
जीना ही मुश्किल होता है
यहाँ
हर रोज़
हर पल ही
जो
मरना होता है....
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
— with Puneet Chowdhary.
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  • Rajan Varma बहुत खूब सर- ऐसे ही हुनर की दरकार भी है इस संसार को; पता नहीं कितने ही पथ-भ्रष्ट युवक suicide-squad के स्थाई सदस्य बन कर दूसरों की जान से खेल रहे हैं; ऐसे नौजवानों को जीने की कला सिखाना एवं समाज के प्रति उत्तरदायी बनाना नितांत आवश्यक है; ईश्वर २०१५ में ऐसे भटके युवकों का मार्ग-दर्शन करें- आपके सौजन्य से-
  • S.p. Singh किसी न किसी को तो यह बीड़ा उठाना ही पढ़ेगा। जो फेसबुक में हमारे ग्रुप जिसके आप भी एक एक्टिव सदस्य हैं जुड़ेगा अवश्य ही लाभान्वित होगा।
  • Rajan Varma सत्य कह रहे हैं भाई साॅ; किसी एक भी भटके युवक को मार्ग पर ला पायें- to that extent the humanity is benefitted;
  • BN Pandey KARATE NAHI KUCHH TO KAAM KARANAA KYAA AAYE, ROTE ROTE JAAN SE GUJARANAA KYAA AAYE.......RO -RO KE MAUT MANGANE WAALO KO JEENAA N AA SAKAA TO MARANAA KYAA AAYE.............ENJOY THE LIFE...........HAPPY NEW YEAR
  • Ram Saran Singh महोदय नव वर्ष की शुभ कामना के साथ अब ज़िंदगी जीने का सलीक़ा ही चाहिए । जो गया सो गया, नया ख़ुशहाल होना चाहिए । धन्यवाद ।
  • Ram Saran Singh महोदय, नव वर्ष की शुभ कामना के साथ हमें ज़िंदगी जीने का सलीक़ा चाहिए, जो गया सो गया, नया ख़ुशहाल होना चाहिए । धन्यवाद ।
  • Dinesh Singh --बहुत ही बढ़िया मान्यवर
  • J.m. Garg Great....
  • S.p. Singh शुक्र गुजार हूँ गर्ग साहब आपका।
  • Puneet Chowdhary Jan Leva rachna
  • Baba Deen bahut sundar
  • Rahul Singh Bahut Badiya Sir, Bahut Umda !!
  • S.p. Singh पता नहीं
    कहाँ तलक पहूँची है
    मेरी फरियाद

    तुमने महसूस कर ली है
    हमारे लिए यही काफी है।
  • Chhavi Gautam Sir, Is sher ko padhne ke baad mera yakin aur pukhta ho gaya hai ki aapke paas sikhane ke liye vakai bahut kuchh hai.
  • S.p. Singh शुक्रिया गौतम।

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