Monday, January 12, 2015

मुझे मालूम है कि ये ख्वाब झूठे हैं और ख्वाहिशे अधूरी हैं.. मगर जिंदा रहने के लिए कुछ गलतफहमियां जरूरी हैं.....

कलम से____
मुझे मालूम है कि ये ख्वाब झूठे हैं और ख्वाहिशे अधूरी हैं..
मगर जिंदा रहने के लिए कुछ गलतफहमियां जरूरी हैं.....
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
— with Puneet Chowdhary.
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  • Rajan Varma संसार में दो ही प्रकार के इंसान होते हैं-
    १) जो ये जानते हैं कि वोह क्या जानते हैं अौर क्या नहीं जानते
    २) जो ये नहीं जानते कि वोह क्या जानते हैं अौर क्या नहीं जानते
    अौर इन दो वर्गों से अलग कुछ विद्वान ऐसे होते हैं जो जितना अधिक अनुसंधान अौर खोज करके सत्य तक पहुँचने का प्रयास करते जाते हैं उतना ही उन्हे इस बात का विश्वास होता जाता है कि 'वे कुछ नहीं जानते'- सुकरात् ऐसे ही दार्श्निक थे- अौर किसी ग़लतफ़हमी में नहीं रहते थे;
    बाकी हम सब तो किसी न किसी ग़लतफहमी को पाले बिना रह ही नहीं सकते!!!
  • Ram Saran Singh बहुत सुंदर । आपका भी क्या कहना । मतलब दिल बहलाने का ख़याल अच्छा है ग़ालिब ।
  • Dinesh Singh बहुत ही खूबसूरत
  • Ripudaman Singh I hundred percent agree with Rajan Verma,otherwise you have become a great poet who is expressing inner feelings.
  • S.p. Singh RDS: हम कल भी आपके पुराने दोस्तों की फेहरिस्त में थे और आज भी बस वही हैं और कुछ नहीं। ख्वाहिश बस इतनी है कि तुम नजर से बस गिरा न देना।
  • Rajender Gaur hakikat-e-jindagi
  • Rahul Singh Bahut Badiya Sir!!!
  • Harihar Singh बहुत सुन्दर

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