Wednesday, January 21, 2015

शायद तब निकले इस बेचैन दिल से कोई तराना........

कलम से____
मैं तो भूल गया
सब रीति रिवाज
अपने
पराए
पूजा के पाठ
वो
मंदिर में जाना
फिर सिर छुकाना
पत्थर की प्रतिमा
पर पुष्प चढ़ाना
पुजारी से प्रसाद लेना
नहीं आ रहा है याद
मुझे अपना ही फसाना
क्या कहूँ क्या न कहूँ
देख तुझे चाहे
यह दिल बेगाना
चलो चलके
बैठें कहीं
तुम मुसकुराना
शायद तब निकले
इस बेचैन दिल से
कोई तराना........
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
— with Puneet Chowdhary.
Like ·  · 
  • Rp Singh उत्तम
  • Ram Saran Singh आदरणीय । इंसान और इंसानियत की क़द्र सबसे बड़ी पूजा है । यह बचपन में पढ़ाया गया है और आज व्यावहारिक जीवन की सच्चाई भी है । फिरभी लोग न समझे तो अपनी राह चलना ही बेहतर है । धन्यवाद ।
  • Javed Usmani वैचारिक क्षरण को रेखांकित कर , सकारात्मक संदेश देती उम्दा रचना
  • BN Pandey Ager Upper Waale Se Dil Lagaanaa Nahi Bhasyaa To Phir Uske Dwaaraa Rachee Gayee Mittee Ki Murty Se Kaise Ye Chanchal Mun Bahalegaa...Ye To Ram Jaane...
  • Suresh Chadha Lazawab peshkash sir ji
  • Dinesh Singh वाह बहुत सुन्दर आदरणीय
    22 hrs · Unlike · 2
  • S.p. Singh हार्दिक आभार।
    22 hrs · Like
  • Harihar Singh जय हो
    20 hrs · Like
  • Rajan Varma 'When I see a child going to a temple, I feel happy,
    but when I see an old man going to a temple, I feel sad';
    British philosopher.

    शुरूआत के लिये तो ठीक है मंदिर जाना, पर वहाँ से ग़र हमने समय के साथ ग्रैजुऐट नहीं किया तो ज़िन्दगी का बेशकीमती समय कौड़ियों के मोल बर्बाद कर दिया- ऐसा कहना है दार्श्निक महोदय का-
    अौर सही भी है- हमें अपने विवेक का, बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिये अौर क्या ठीक है- क्या ग़लत है इसकी परख किये बिना किसी भी रीति-रिवाज-परिपाटी के पीछे चल पड़ना अौर ता-उम्र चलने के बाद किसी dead-end पर आ खड़े होना- जहाँ से U-turn लेना- न तो संभव ही हो अौर न ही समय- तो सिवाये पछताने के अौर कुछ हासिल होने वाला नहीं है। अतः अभी भी समय है- हमें पूरे होशो-हवास में, सोच-समझ कर अपनी दिशा का चयन करना चाहिये ताकि आगे चल कर ऐसी किसी स्थिति का सामना न करना पड़े!!!
    20 hrs · Unlike · 1
  • S.p. Singh कभी कविता अच्छी कभी आलोचना अच्छी आज लगता दिन कुछ अच्छा है जो दोनों ही अच्छे अच्छे।

No comments:

Post a Comment