Tuesday, January 13, 2015

रुपये की कीमत गिरती कभी है सवंरती इन्सान की असली कीमत जरूर बढ़ गई।

कलम से____
रुपये की कीमत गिरती कभी है सवंरती
इन्सान की असली कीमत जरूर बढ़ गई।
पालिटीकल पार्टी को नज़र आने लगा
वोट की कीमत अचानक जो बढ़ गई।
अगले इलैक्शन तक देखना क्या होगा
जो न हो बस वो काम कम ही होगा।
एक एक के पीछे पार्टी वर्कर लगे रहेंगे
वोट डालने वालों के ठाठ बड़े रहेगें।
पैसे का है खेल गुरू तब तक देखना
अवमूल्यन हो जाएगा कितना देखना।
देशहित के नाम पर व्यापार हो रहा है
बेवकूफ़ बनाने का काम चल रहा है।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
— with Puneet Chowdhary.
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  • Ram Saran Singh आदरणीय, चुनाव के समय ही तो आम जनता के ठाट होते हैं । वरना आगे इनका कौन पुछंतर है । सही कहा आपने । धन्यवाद ।
  • Rajan Varma जब तक एक टिकट की कीमत रहेगी दस करोड़,
    अग़र वोह बेवाकूफ़ को बेवाकूफ़ न बना सका- तो कैसे उघाड़ेगा दस-के-बीस करोड़??
  • Javed Usmani सही कहना है , आज को देखते हुए आने वाले कल ऐसा ही होंगा
    19 hrs · Unlike · 1
  • Balbir Singh Agar log chaha le toh bewqoof banane se bach sakte hain agar congress aur bjp ko vote dena chhor kar imandar party aur unn logon ko apna vote de jinke uper abhi tak corruption ka koi charge nahin laga hai
    16 hrs · Unlike · 1

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