Monday, January 12, 2015

सभांलो अपने तेवर

कलम से___
सभांलो अपने तेव
सभांलो अपने बेशकीमती ज़ेवर
ज़ेवर महंगे होते हैं
इसलिए नज़र
उन पर लोगों की
हमेशा बनी ही रहती है
तेवर झंझट खड़ा कर सकते हैं
बचा कर रखो कल के लिए
यूँ बात बात पर
हर किसी को दिखाये नहीं जाते
'तेवर' और 'ज़ेवर'
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
— with Puneet Chowdhary.
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