Wednesday, January 7, 2015

बाहें खोल दिल को हँसने दीजिए आसमां कुछ अपना बना लीजिए

कलम से____
कोई विचार हो आपके जेहन में
बस उसे विस्तार दीजिए
बाहें खोल दिल को 
हँसने दीजिए
आसमां कुछ अपना बना लीजिए
परिन्दों की तरह
बस इतना ही कीजिए.....
धन्यवाद।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
— with Puneet Chowdhary.
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