Friday, January 16, 2015

ग़म दिल में चले आते हैं इन्हें रोकें तो कैसे यह घर वो है जिसमें कोई दरवाज़ा नही है !!!

कलम से____
ग़म दिल में चले आते हैं इन्हें रोकें तो कैसे
यह घर वो है जिसमें कोई दरवाज़ा नही है !!!
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
— with Puneet Chowdhary.
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  • Dinesh Singh बहुत उम्दा
    19 hrs · Unlike · 1
  • Rajan Varma बिना दस्तक जो चले आते हैं, वोह अपने ही तो होते हैं,
    हम उस दौर के मकाँ है, जब ताले तो क्या दरवाज़े ही नहीं होते थे;
    18 hrs · Unlike · 3
  • Ram Saran Singh आने दीजिए । जब ख़ुशियों की मीयाद नहीं होती तो ग़म की क्या बिसात । बहुत सुंदर महोदय ।
    16 hrs · Unlike · 1

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