Sunday, September 14, 2014

मन से मन का मेल यही है ,प्रीत ऐसे ही दिल में पले


  1. मन से मन का मेल यही है ,प्रीत ऐसे ही दिल में पले
    राधा ने जब कृष्ण को देखा ,आँखो में सौ दीप जले
    होंठो पर ठहरी बातो को, नयनो की भाषा मिले

    यूँ ही आँखो आँखो में प्यार की दास्तान बढे
    राधा ने जब कृष्ण को देखा दिल में प्रीत के कमल खिले

    सुन बंसी की लय कृष्णा की, राधा के दिल का फूल खिले
    तेरे मेरे प्यार का गीत बस वैसे प्रीत की डगर चले
    राधा ने जब कृष्ण को देखा संगीत प्यार का दिल में पाले

    जिस एक राग को जल उठाते दोनो दिलो के दीपक
    आज अपने मधुर मिलन में उसी राग का दौर चले

    प्यास जो देखी थी उस दिन तेरे मीठे लबो पर
    वही मीठी मीठी प्यास अब मेरे दिल में भी पाले
    राधा ने जब कृष्णा को देखा मन में सौ दीप जले!!

    रंजना भाटिया द्वारा रचित ।
     — with Puneet Chowdhary.
    Photo: मन से मन का मेल यही है ,प्रीत ऐसे ही दिल में पले
राधा ने जब कृष्ण को देखा ,आँखो में सौ दीप जले
होंठो पर ठहरी बातो को, नयनो की भाषा मिले

यूँ ही आँखो आँखो में प्यार की दास्तान बढे
राधा ने जब कृष्ण को देखा दिल में प्रीत के कमल खिले

सुन बंसी की लय कृष्णा की, राधा के दिल का फूल खिले
तेरे मेरे प्यार का गीत बस वैसे प्रीत की डगर चले
राधा ने जब कृष्ण को देखा संगीत प्यार का दिल में पाले

जिस एक राग को जल उठाते दोनो दिलो के दीपक
आज अपने मधुर मिलन में उसी राग का दौर चले

प्यास जो देखी थी उस दिन तेरे मीठे लबो पर
वही मीठी मीठी प्यास अब मेरे दिल में भी पाले
राधा ने जब कृष्णा को देखा मन में सौ दीप जले!!

रंजना भाटिया द्वारा रचित ।

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