Sunday, September 14, 2014

जब हवेली ही न रही

कलम से____

जब हवेली ही न रही
गौरैया भी उड़ गई फुर्र से
जैसे छोड़ गए सब ताले बंद कर
लौट कर न आने का वादा कर !!

बसेरा है अब यहाँ
एक नाग नागिन के जोड़े का
भूले भटके आ जाता है
एक मोर बरसात में
नाचता है मन भर
रो पड़ता है पैर देख कर
पास ही रहती है
मोरनी देती है दिलासा
चलो हम भी चलें वहां
दाना पानी मिले जहां !!

सामने से बैठ
हम भी नज़ारा देखते हैं
फटी फटी आँखों से
कर ही क्या सकते हैं
हालात इतने बिगड़े हैं
इन्सान आखिर वहीं जाएगा
दाना पानी जहां वो पाएगा !!!

//सुरेन्द्रपालसिंह//

http://spsinghamaur.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary.
Photo: कलम से____

जब हवेली ही न रही
गौरैया भी उड़ गई फुर्र से
जैसे छोड़ गए सब ताले बंद कर
लौट कर न आने का वादा कर !!

बसेरा है अब यहाँ
एक नाग नागिन के जोड़े का
भूले भटके आ जाता है
एक मोर बरसात में
नाचता है मन भर 
रो पड़ता है पैर देख कर 
पास ही रहती है 
मोरनी देती है दिलासा
चलो हम भी चलें वहां
दाना पानी मिले जहां !!

सामने से बैठ
हम भी नज़ारा देखते हैं
फटी फटी आँखों से
कर ही क्या सकते हैं
हालात इतने बिगड़े हैं
इन्सान आखिर वहीं जाएगा
दाना पानी जहां वो पाएगा !!!

//सुरेन्द्रपालसिंह//

http://spsinghamaur.blogspot.in/
  • Kapil Deo Sharma Sir I like this photo very much
  • Ram Saran Singh महोदय वृतांत तो उजड़े दयार का ज़रूर है फिर भी नाग- नागिन और मोर के जोड़े का बसेरा कुछ हलचल बनाए रखते हैं संतोष की बात है ।
  • S.p. Singh हाँ सिंह साहब अब जब गाँव जाते हैं बस सामने अपनी दूसरी हवेली से पूर्वजों की इस उजाड़ विरासत को हसरत भरी निगाहों से देखते रहते हैं। काफी यादें जुड़ीं हैं। अब वहाँ मोर मोरनी साँप इत्यादि ही की ही activities ही दिखाई देतीं हैं।
    बहुत बहुत धन्यवाद।
  • Rajan Varma पुरानी हवेली देख आपको अतीत याद आता है; मैं सोचने पर मजबूर हो जाता हूँ- शायद इसांनों की तरह इमारतों की भी आयू सीमा होती है- अंततः दोनों का अस्तित्व मिट्टी में मिल, मिट्टी ही होना है! रचना टीस का आभास दिलाती, अच्छी बन पड़ी है
  • S.p. Singh आपने रचना का दर्द समझा मन को अच्छा लगा।
    धन्यवाद।
  • Shravan Kumar Sachan Waqt ke har shah gulam.....
  • SN Gupta मार्मिक, हृदयस्पर्शी अतीत से जुड़ाव कभी कभी दारुण भी होता है
  • S.p. Singh धन्यवाद SNSir.
  • Ramsevak Gupta Samay hot balwan.Ateet me base vabishyat ka pran.
  • Puneet Chowdhary Another important aspect of socio economic changes.We need many more Gurgaons and Mumbais in India,uniformity in development is important so that no birds have to leave their home town ever
  • Sanjay Joshi आपके कलम की सरलता, आपकी विशेषता को इंगित करता है,,, 
    ........ सुंदर कृति सर जी......
    See Translation

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