Monday, September 15, 2014

रुहानी प्रेम

सुप्रभात मित्रों।

कल ही मैंने दोस्तों यह कविता अपने जन्म दिन के रोज़ आप सभी की सेवा में प्रस्तुति की थी और शाम होते होते प्रेम रुहानी जी ने इसे मुझसे चुरा अपना बना फेसबुक पर पोस्ट भी कर दिया। ओशो इन्सटीट्यूट शायद ऐसी शिक्षा अपने शिष्यों को देता है।

माना कि प्रेम रुहानी जी उच्च आदर्शों के व्यक्तित्व के धनी होंगी पर मुझे उनका यह कृत्य समझ नहीं आया। भगवन उन्हें सद बुध्दि दें मेरी यही प्रार्थना है। अगर वो कहतीं हम स्वतः ही यह कविता लिख उनको प्रेषित कर देते।

//सुरेन्द्रपालसिंह//
कलम से____

जीवन
एक उत्सव है
नाचो गाओ
गम को दिल पर न लगाओ
लगाने से क्या होगा
आग गम की जो लगी है
उसे बुझाओ।

मन जो करे
खुशी खुशी करो
कल क्या होगा
जो भी होगा
सब ठीक ही होगा
इसलिए नाचो गाओ
पहाड़ पर घूमने जाओ
जो ड्रिंक ना पी हो
उसे पियो
नाचो गाओ।

कल के लिए
क्या है बचाना
जो है सब यहीं छोड़ जाना
तब चिंता कैसी
हाँ, एक बात
जीना अपने लिए
मरना है वह भी अपने लिए।

इज्जत में बट्टा ना लगे
जो कमाया है वो साथ चले
नज़रिया यही जीवन भर बना रहे।

नाचो और गाओ !!!

//सुरेन्द्रपालसिंह//

http://spsinghamaur.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary and Subhash Sharma.
Photo: कलम से____

जीवन
एक उत्सव है
नाचो गाओ
गम को दिल पर न लगाओ
लगाने से क्या होगा
आग गम की जो लगी है
उसे बुझाओ।

मन जो करे
खुशी खुशी करो
कल क्या होगा
जो भी होगा
सब ठीक ही होगा
इसलिए नाचो गाओ
पहाड़ पर घूमने जाओ
जो ड्रिंक ना पी हो
उसे पियो
नाचो गाओ।

कल के लिए
क्या है बचाना
जो है सब यहीं छोड़ जाना
तब चिंता कैसी
हाँ, एक बात
जीना अपने लिए
मरना है वह भी अपने लिए।

इज्जत में बट्टा ना लगे
जो कमाया है वो साथ चले
नज़रिया यही जीवन भर बना रहे।

नाचो और गाओ !!!

//सुरेन्द्रपालसिंह//

http://spsinghamaur.blogspot.in/
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  • Ramaa Singh रुहानी प्रेम जैसा कि नाम से प्रतीत होता है कि रुह से( आत्मा ) से प्रेम करने वाला , वो दूसरों कि कविता को चुरा कर अपने नाम से पोस्ट करे यह उचित नहीं है.
  • Neelesh B Sokey सिंह साहब आप कविता के नीचे जो नाम लिखते हैं /surendrapalsingh/ उसको बदल दिजये /surendrapalsingh © 2014/ Copyright symbol देख कर लोग एक बार कापी करने की सोचेंगे।
  • S.p. Singh Thanks Neelesh. It's a good idea.
  • SN Gupta क्या कीजे इन चोरों का, मैं तो भुक्त भोगी हूँ

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