Sunday, September 21, 2014

क्या बेच रहे हो गुरू आजकल।

कलम से____

क्या बेच रहे हो
गुरू आजकल।

पूछ बैठा मेरा एक मित्र
वह भी आसपास से नहीं
सीधे दूर देश अमरीका से।

कहा सपने देखता हूं
अहसास बेचता हूँ
अच्छीखासी हो जाती है
कमाई घर चल जाता है।

लोगों के गम बाटँता हूँ
कुछ अपने सपने उनको देता हूँ
लेनदेन के इस व्यापार में
सब ठीक चल रहा है।

फेसबुक से सुबह सुबह
जुड़ जाता हूँ
कुछ शेर कुछ गज़ल कुछ गीत
लिख जाता हूँ फिर दिन भर
चर्चा में व्यस्त रहता हूँ
नाम मिलता है काम करने से
शांति मिलती है चंचल मन को
सबसे बड़ी विशेषता है
जो करता हूँ अपने चित्त शांतिं के लिए करता हूँ।

मैंने पूछा हाल तेरा कैसा है
कहने लगा बहुत बुरा है
देश की मांटी याद बहुत आती है
सारी कमाई सामने उसके
फीकी हो जाती है।

वापस आकर वही रहूँगा
वही कँरूगा तू जो कर रहा है ।

अहसास बेचने का काम
दूसरों के गम बटोरने का
मिलजुल के बाँटने का
मेरे लिए काम अच्छा है।

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary.
Photo: कलम से____

क्या बेच रहे हो
गुरू आजकल।

पूछ बैठा मेरा एक मित्र
वह भी आसपास से नहीं
सीधे दूर देश अमरीका से।

कहा सपने देखता हूं
अहसास बेचता हूँ
अच्छीखासी हो जाती है
कमाई घर चल जाता है।

लोगों के गम बाटँता हूँ
कुछ अपने सपने उनको देता हूँ
लेनदेन के इस व्यापार में
सब ठीक चल रहा है।

फेसबुक से सुबह सुबह
जुड़ जाता हूँ 
कुछ शेर कुछ गज़ल कुछ गीत
लिख जाता हूँ फिर दिन भर
चर्चा में व्यस्त रहता हूँ
नाम मिलता है काम करने से
शांति मिलती है चंचल मन को
सबसे बड़ी विशेषता है
जो करता हूँ अपने चित्त शांतिं के लिए करता हूँ।

मैंने पूछा हाल तेरा कैसा है
कहने लगा बहुत बुरा है
देश की मांटी याद बहुत आती है
सारी कमाई सामने उसके
फीकी हो जाती है।

वापस आकर वही रहूँगा
वही कँरूगा तू जो कर रहा है ।

अहसास बेचने का काम
दूसरों के गम बटोरने का
मिलजुल के बाँटने का
मेरे लिए काम अच्छा है।

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/
  • Neelesh B Sokey बहुत ही अच्छा, खूबसूरत।
  • Surinder Gera It is your total devotion on your thoughtful works / expressions you make through this social media that you are now recognised as the most popular here
  • S.p. Singh Thanks friends.जो भी करो दिल से करो।
  • Satyendra Shukla Bahut sunder, touching also.
  • S.p. Singh There are some guys who wish to say but ultimately decide not to say. 

    जिन्दगी भर तो दब कर रहे अबतो खुल जाओ 
    जो अच्छा लगे ऊसे दिल से 'अच्छा' तो कह जाओ।
    धन्यवाद मित्रों।
  • Ram Saran Singh महोदय सुंदर सोच है । वरना कौन दुख बाँटता है । धन्यवाद ।
  • S.p. Singh सिंह साहब मानें या न मानें आजकल के हालात में तेजी से बदलाव आ रहे हैं और साथ में अलगाव/अकेलापन भी। फेसबुक की मित्रता ही काम आने वाली है।
    धन्यवाद।
  • Ram Saran Singh लगता तो ऐसा ही है महोदय ।
  • Bhawesh Asthana देश की मांटी याद बहुत आती है
    सारी कमाई सामने उसके
    फीकी हो जाती है। बहुत सही सोच सर
  • S.p. Singh धन्यवाद भोलेश्वर जी।
  • Rajan Varma fb ने बच्चों को भीड़ में अकेला कर दिया है- परिवार से बेमुख कर दिया है; जब देखो चैट अौर मैसेजिंग में व्यस्त रहेते है; वहीं हम बज़ुर्गों को अकेलेपन से निजात दिलाई है; परिवार वाले अपने में वयस्त अौर हम अपने टैब के साथ मस्त;
  • SN Gupta Awesome Poetry

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