सुप्रभात
संघ की भाषा हिंदी
यह सहमति हुई कि संघ की भाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी, किंतु देवनागरी में लिखे जाने वाले अंकों तथा अंग्रेज़ी को 15 वर्ष या उससे अधिक अवधि तक प्रयोग करते रहने के बारे में बड़ी लंबी-चौड़ी गरमा-गरम बहस हुई। अंत में आयंगर-मुंशी फ़ार्मूला भारी बहुमत से स्वीकार हुआ। वास्तव में अंकों को छोड़कर संघ की राजभाषा के प्रश्न पर अधिकांश सदस्य सहमत हो गए। अंकों के बारे में भी यह स्पष्ट था कि अंतर्राष्ट्रीय अंक भारतीय अंकों का ही एक नया संस्करण है। कुछ सदस्यों ने रोमन लिपि के पक्ष में प्रस्ताव रखा, किंतु देवनागरी के पक्ष में ही अधिकांश सदस्यों ने अपनी राय दी।
इस तरह हिन्दी बनी राष्ट्र की भाषा।ऐ
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