Sunday, January 4, 2015

पता नहीं कहाँ तलक पहूँची है मेरी फरियाद,

कलम से___
पता नहीं कहाँ तलक पहूँची है
मेरी फरियाद,
तुमने महसूस कर ली 
मेरे लिए इतना ही काफी है ......
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
— with Puneet Chowdhary.
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