कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Tuesday, January 6, 2015
बहुत याद करता है हमें कोई....
कलम से_____
बहुत याद करता है हमें कोई....
दिल से ये वहम जाता क्यूँ नहीं।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
— with
Puneet Chowdhary
.
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Arun Kumar Singh
,
Dinesh Singh
,
Surinder Gera
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Amrendra Mishra
अक्सर ऐसा ही होता है।
18 hrs
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Manoj Kumar Singh
उम्दा।
18 hrs
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Rajan Varma
ये वहम बरकरार रहे तो बेहतर,
दिल बहलाने को ग़ालिब, ख़्याल अच्छा है;
16 hrs
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Dinesh Singh
अति सुन्दर मान्यवर
1 hr
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