कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Wednesday, January 7, 2015
सिर्फ इतना ही नहीं काफी की तेरा सजदा कर लिया है मैंने.........
कलम से____
मुझे ये खौफ दे मालिक
की
तेरी नज़र है मुझ पर
सिर्फ इतना ही नहीं काफी
की
तेरा सजदा कर लिया है
मैंने.........
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
— with
Puneet Chowdhary
.
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Rajan Varma
,
Arun Kumar Singh
,
Rp Singh
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एस.पी. द्विवेदी
.Good Morning
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Ram Saran Singh
बहुत सटीक । मालिक तेरी रजा रहे और तू ही तू । धन्यवाद ।
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Dinesh Singh
बहुत सुंदर
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Surinder Gera
Very good morning
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Rp Singh
अदभुत
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Rajan Varma
'भय अौर भौ(भाव)'- उस परवरदीगार पर हो तभी कुछ सकारात्मक तरक्की की उम्मीद की जा सकती है रूहानी-पथ पर;
हमें न तो उसका होने का भय है- इस लिये रात-दिन ठगियों में व्यस्त रहते हैं;
अौर न ही उस पर भाव/प्रेम है- पूजा इसलिये नहीं करते कि हमें उससे प्रेम है अपित
...
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S.p. Singh
सुख को भोगना भी सभी के बस का नहीं है। दुख में कोसना बस जानता हैं। मेरे विचार में दुख आपको अपने ईष्ट के करीब ही लाता है और यह एक उत्सव मानकर मनाना चाहिए।
धन्यवाद।
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