कलम से____
एक नीम अपने आगंन हो, होती है इच्छा सबकी,
कुछ की पूरी होती, रह जाती है कुछ की आधीअधूरी।
कुछ की पूरी होती, रह जाती है कुछ की आधीअधूरी।
कलुआ जाटव का आंगन खाली है
एक पेड नीम का हो इच्छा भारी है।
एक पेड नीम का हो इच्छा भारी है।
विरवा होगा तो चिडियां भी आएंगीं,
जीवन की आशाएँ पूरी हो जाएंगी।
जीवन की आशाएँ पूरी हो जाएंगी।
खाट बिछा सोने में लगता अच्छा है,
नीदं आए गहरी और मजा खूब आता है।
नीदं आए गहरी और मजा खूब आता है।
उधार किस किस का कब कब देना है,
चिंता इसका बिल्कुल नहीं सताती है।
चिंता इसका बिल्कुल नहीं सताती है।
नीम का एक विरवा जो मैं लगाऊँगा,
फल उसका पीढ़ी दर पीढ़ी पाऊँगा।
फल उसका पीढ़ी दर पीढ़ी पाऊँगा।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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