कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Friday, January 30, 2015
कलम से___
कलम से___
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
— with
Puneet Chowdhary
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Madhvi Srivastava
,
आशीष कैलाश तिवारी
,
Sp Tripathi
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BN Pandey
Good morning sir
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Ram Saran Singh
आदरणीय । आपने दिल के तार को छू दिया । ईमानदार रिश्ते दाग़दार हो नहीं सकते । धन्यवाद ।
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Shravan Kumar Sachan
sunder rachena
7 hrs
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Rajan Varma
बात तो सत्य कही है सर- पर 'ईमानदारी' अौर 'विश्वास' आज के इस दौर में एक विलुप्त होती प्रजाति है- जो कदाचित् हमारे संस्कार देने में ही कमी रह गई होगी;
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S.p. Singh
इसीलिए बीच बीच में स्मरण कराते रहना ठीक होता है।
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S.p. Singh
लो पांडेजी भी आ गए आनलाइन।
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BN Pandey
Thxs sir... Mujhe Sea beach Se jyaadaa mazaa " Apano Ke beech Lagataa Hai_"..
6 hrs
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Dinesh Singh
बहुत ही खूबसूरत बात कही है सर आपने
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