कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Wednesday, January 7, 2015
जो बिक गया वो खरीदार नही हो सकता
कलम से___
जो बिक गया वो खरीदार नही हो सकता
गुनहगार हूँ माना सवाली तो हो सकता हूँ।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
— with
Puneet Chowdhary
.
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Vimalendu Dwivedi
,
Neeraj Saxena
,
Surinder Gera
and
19 others
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Brahmdeo Prasad Gupta
NICE.
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Yesterday at 9:21am
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Ajay Kr Misra
शुभ प्रभात्, सर।
श्री राधे राधे।
Yesterday at 9:54am
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S.p. Singh
राधे राधे।
Yesterday at 9:48am
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Chadha Vijay Kumar
शुभ प्रभात्, सर।
Yesterday at 9:59am
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S.p. Singh
सुप्रभात
Yesterday at 10:07am
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Ram Saran Singh
महोदय यह तो मौलिक अधिकार है । क्यों नहीं । धन्यवाद ।
Yesterday at 10:20am
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Rajan Varma
मेरे भारत महान में यही एक महान् prevelige ही तो उपलब्ध है,
जिसे कुवैसी अौर काँग्रेसी-भोंपू आतंकवादियों को बचाने के लिये इस्तेमाल करते हैं;
Yesterday at 11:00am
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2
Harihar Singh
सुप्रभात सुमंगलम् राधे राधे जी
6 hrs
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S.p. Singh
सुप्रभात हरिहर भाई।
6 hrs
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Dinesh Singh
बहुत सुन्दर
4 hrs
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