कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Thursday, January 29, 2015
अध्ययन हमें आनन्द तो प्रदान करता ही है, अलंकृत भी करता है और योग्य भी बनाता है
अध्ययन हमें आनन्द तो प्रदान करता ही है, अलंकृत भी करता है और योग्य भी बनाता है, मस्तिष्क के लिये अध्ययन की उतनी ही आवश्यकता है जितनी शरीर के लिये व्यायाम की।
~ जोसेफ एडिशन
— with
Puneet Chowdhary
.
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Sohini Sohini
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Shravan Kumar Sachan
,
Sp Tripathi
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Amrendra Mishra
शुभकामनाएँ
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Neelesh B Sokey
Very true. Good Morning to you Sahab.
13 hrs
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Singh Meera Kashyap
Ji ha.. gud mrng..
13 hrs
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S.p. Singh
Good morning Amrendra ji.
13 hrs
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S.p. Singh
Very good mng Neelesh
13 hrs
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S.p. Singh
Good morning Meera ji.
13 hrs
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Ajay Kr Misra
Satya kaha aapne, gyan ke sath sath jankari bhi badati hai.
Subhprabhatam, Sir.
11 hrs
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Narendera Pal Singh
Good morning sir ji.
11 hrs
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Rp Singh
gud morning ji
11 hrs
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Ram Saran Singh
बहुत ही सही कहा आपने । अध्ययन दिमाग़ का पौष्टिक आहार है । धन्यवाद महोदय ।
11 hrs
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आकांक्षा रॉय
सत्य कहा आपने.... शुभ प्रभात..
आपका दिन मंगलमय हो.
11 hrs
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Ravi Srivastava
Well said, Good Morning
10 hrs
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Anjani Srivastava
Sir, Good Morning n Have a Nice Day. आप सही कह रहे हैं सर जी
सुना था दीवारो के भी कान होते है,
आजमाया तो पता चला 'बहरे' तो 'इंसान' होते है...
10 hrs
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BN Pandey
Good Morning Sit..
10 hrs
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Dinesh Singh
शुभ प्रभात
9 hrs
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Rajan Varma
अध्य्यन से पोषण अौर विकास होता है मस्तिष्क का- अन्यथा 'समझदानी' तो सबकी एक ही साइज़ की होती है- जो शिक्षित हो कर निरंतर अध्य्यन से इसका ढक्कन खोल कर बुद्धि को उन्मुक्त कर देता है- तो उसकी उड़ान की सीमाऐं अनन्त हो जाती हैं नहीं तो मूर्ख़ पैदा हुआ अौर मूर्ख़ ही चल देता है;
न किसी के काम आया, न अपना भला किया,
उसने तो इंसा पैदा किया, ढोर बन कर चल दिया;
सुप्रभात्- राधे राधे
9 hrs
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S.p. Singh
अपने हिन्दुस्तान में अनंत लोग और उनकी अंनत दुनियां हैं। सभी उसमें व्यस्त और रमे हुए हैं। यह विचार मेरे मन में इसलिये आ रहा है चूँकि मैं अभी अभी सब्जी मंडी से लौटा हूँ और मुझे लगा कितनी खुशी थी बाज़ार में नानाप्रकार की ताजी ताजी सब्जियां और मस्त बेचने व
ाले। उनकी वही दुनियां है कितनी रंगीन। कभी हमारे नेता वहाँ भी पधारें और वहाँ के हालात भी सुधरें। काश एक दिन मोदी जी या उनके जैसे सरीखे सब्जी मंडी में जायें अपने लिए गाजर के हलवे के लिए गाजर खरीद कर लायें तभी तो जनता का दर्द समझेंगे। चालीस साल पहले चाय बेचने और आज का अंदाज बदला बदला सा है। अमेरिका हिन्दुस्तान धीरे धीरे बनेगा।
8 hrs
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Jayasheelan Mv
Very very good morning to you sir.
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Arun Kumar Singh
सुप्रभात सर
8 hrs
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Rajan Varma
ठीक कह रहे हैं भाई सॉ- ग़रीब भारतवासी की चंद, इनी-गिनी सी तो ज़रुरियात् हैं- साफ़ पीने का जल, टू-स्क्यैर-मील्ज़-ए-डे अौर सर पर एक अदद् छप्पड़ जिसेके नीचे दस प्राणियों का परिवार धूप-बरसात् से सर छुपा सके;
पर इतनी कम ज़रुरतों के एवज़ में भी हमारी सरकार सिवाये वादे- अौर वही वादे हर पाँच वर्ष बाद दोहराने के सिवा अौर कुछ नहीं करते; करोड़ों का राजस्व भगवान जाने कहाँ समा जाता है???
7 hrs
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Chadha Vijay Kumar
Very good morning to you Sir.
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S.p. Singh
Good morning to you. How are you Chaddha saheb?
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Chadha Vijay Kumar
Sir,Yours good talented presentaions really influences me to great effect.I feel impressed with yours dedicated effort and seem to me that you never gets tired.I am yours follower
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S.p. Singh
राजन कोई इनसे पूछे कैसे हर झोपड पट्टी वाले को मकान दे देंगे 2222 तक। क्या उसके बाद कोई झोंपडी नहीं बनाएगा दिल्ली में। सब बेवकूफी भरे वादे हैं। आज ही देखा एक पोस्टर कि दिल्ली में बिजली Rs.1.50 only per unit. कहाँ से होगा। कब पब्लिक जागेगी। कब तक हमारा पैसा यह लोग इधर ऊधर करते रहेंगे।
7 hrs
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S.p. Singh
Chddha Saheb the love, which I get from you all, gives me double doze to live on. In fact I am much healthier now. Thanks for your nice words.
7 hrs
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Rajan Varma
जनता के पास इतना दिमाग होता कि इनसे time-bound, action-plan to execute this ambitious, desired project मांगती तब ना इन्हे कुछ सोचने पर विवश होना पड़ता; अभी क्या है- they know pretty well that mob is infected with 'short-term-memory-loss'- and that same
promises will be hold good, even after five years!
जहाँ तक free-sops अौर झुग्गी-झोंपड़ियों का सवाल है तो वोह कभी पक्के मकानों में जायेंगे भी नहीं- उन्हे किराये पर चढ़ायेंगे अौर खुद इन्ही झोंपड़-पट्टी में फ़्री बिजली लेंगे- काट के देखो कोई इनके कनैक्शन??? कोई न कोई कजरीवाला आ जायेगा इनका संरक्षण अौर अपने लिये वोट-बैंक सुरक्षित करने!!!
7 hrs
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Lalji Bagri
good morning
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S.p. Singh
I fully agree with you Rajan.
6 hrs
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Balbir Singh
maan ko moh lene wale drishya ati sunder
1 hr
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