कलम से____
कोई विचार हो आपके जेहन में
बस उसे विस्तार दीजिए
बाहें खोल दिल को
हँसने दीजिए
आसमां कुछ अपना बना लीजिए
परिन्दों की तरह
बस इतना ही कीजिए.....
बस उसे विस्तार दीजिए
बाहें खोल दिल को
हँसने दीजिए
आसमां कुछ अपना बना लीजिए
परिन्दों की तरह
बस इतना ही कीजिए.....
धन्यवाद।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
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