कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Wednesday, January 14, 2015
जो जैसी भाषा समझे उस भाषा में अब बात करो न समझे बने अनाड़ी तो सिर धड़ से कलम करो।
कलम से____
जो जैसी भाषा समझे उस भाषा में अब बात करो
न समझे बने अनाड़ी तो सिर धड़ से कलम करो।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
— with
Puneet Chowdhary
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Rahul Singh
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Umesh Chandra Srivastava
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Santosh Kumar Sharma
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Ram Saran Singh
You are right sir. Tit for tat.
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BN Pandey
Laato me devataa baato se nahi maanate.......bhojpiria bhashaa me......jaisan devataa ....vaisan poojaa.
20 hrs
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Harihar Singh
बहुत सुन्दर।मकरशंक्रान्ति की आपको और आपके समस्त परिवार को हार्दिक बधाई
18 hrs
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Rajan Varma
भैंस के आगे बीन बजाते-बजाते अब अति हो चुकी-
भैंस को कौन सी भाषा समझ आती है, अब तक तो हमें ये समझ आ ही जाना चाहिये!!!
17 hrs
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