कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Tuesday, January 20, 2015
लगता है कृषि और कृषि जुड़े लोगों को का भविष्य अच्छा नहीँ है।
लगता है कृषि और कृषि जुड़े लोगों को का भविष्य अच्छा नहीँ है।
— with
Harihar Singh
.
Like
·
·
Share
Neeraj Saxena
,
Javed Usmani
,
SN Gupta
and
22 others
like this.
BN Pandey
Aisaa kyo Bad-duvaa de rahe hai sir.. Hum Log bhi Zameen se hi jure hai..
22 hrs
·
Unlike
·
1
S.p. Singh
पांडेजी धान का क्या रेट चल रहा है। पता करिए पिछले साल कितना था। दूसरी फसलों की लागत कम नहीं हो रही है और दाम अब remunerative नहीं मिल रहे हैं। आलू की बम्पर फसल बस आने ही वाली है। export की कोई तैयारी नहीं लग रही है। गन्ना का पैसा नहीं मिल रहा है।मिल मालिक पैसे दबा के बैठे हुए हैं।
22 hrs
·
Edited
·
Like
·
2
BN Pandey
Ye sub to pichhle kai versho se chal rahaa hai sir...Kishan
22 hrs
·
Unlike
·
2
S.p. Singh
आज सिर्फ और सिर्फ corporate houses के लिए काम हो रहा है।
22 hrs
·
Like
·
3
BN Pandey
.......Kishaan to Akhir Kishaan hi rahaa... Vote Lens ke baad Dhok denaa kise yaad rahataa...
22 hrs
·
Unlike
·
2
BN Pandey
Aap ne Sahi kahaa sir. Wshaa se Vote ke saath Note bhi mil jaataa hai...
22 hrs
·
Unlike
·
1
Dinesh Singh
सर मुझे लगता है कृषि और कृषि जुड़े लोगों को का भविष्य अच्छा है--अगर गैस की तरह डाइरेक्ट सब्सिडी बैंक अकाउंट में आने लगी तो किसान और सरकार दोनों का फायदा होगा--कोई सोंचता है जितनी सब्सडी दी जाती है वो सही तरीके से किसान के पास पहुँचती है सब्सडी के नाम पर कंपनियां लुटती हैं--ये तब होगा जब सीधे किसान तक सब्सडी दी जाएगी--और ये तब होगा जब सरकार भी ईमानदारी से आधार-एक ऐसी व्यवस्था बनाएगी की आदमी का एक ही अडेंटीफाई हो---
20 hrs
·
Like
·
2
S.p. Singh
दिनेश भाई जेटली जी की तरफ ध्यान दीजिए वह कह रहे हैं धीरे धीरे सभी प्रकार की सब्सिडी खत्म करनी है। देश की अर्थ व्यवस्था खुले बाजार की तरह चलेगी। मतलब यह कि जिस चीज की कमी वह उतनी ही महंगी। अन्दाज करिए जिस साल सूखा पड़ेगा तब क्या होगा। किसान इंतजार करे और बिचौलिये मौज करें। मझे ऐसा लगता है साल दो साल में ही भारत अमेरिका बन जाएगा। मिक्स इकोनॉमी की समाप्ति के दिन अब आ गये।
20 hrs
·
Like
·
1
Ram Saran Singh
महोदय मैं कुछ हद तक सहमत हूँ आपके विचार से । खेती की सबसे बड़ी समस्या है बिजली पानी और श्रमिक । मैं दो माह पहले गाँव से आया और आलम यह था कि बिजली रात को दस बजे आती थी । कौन जाएगा सिंचाई करने, मज़दूर मिल नहीं रहे है और मिले तो मज़दूरी आसमान छू रही है । इस हिसाब से भविष्य ख़तरे में है । लेकिन there is silver lining. यदि इसे उद्योग का दर्जा दिया जाए और जोखिम तत्व की भरपाई की जाए तो शायद यह क्षेत्र सँभल जाए । धन्यवाद ।
19 hrs
·
Like
·
3
Dinesh Singh
सर बाजार के हवाले हो जाएगा पर शायद डाइरेक्ट सब्सडी की बात की जा रही है जैसे की गैस पर किया जा रहा है अगर ऐसी व्यवस्था होती है तो अच्छा ही है जहां तक जेटली जी के बयां की बात है तो शायद वो हर तरह की सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने और नीतियों में स्थिरता सुनिश्चित करने को कहा था जैसे की एलपीजी सब्सिडी बैंकों के जरिए दी जाएगी--इसी तरह उर्वरक सब्सडी पर भी
19 hrs
·
Like
·
2
S.p. Singh
गैस सब्सिडी बैंक में पहुँचाने की योजना पुरानी है। कोई नई बात नहीं है। मुझे सिर्फ ड़र यह है कि जो लोग उत्पादन करते हैं चाहे वह इन्डस्ट्री हो या खेती से जुड़ा हुआ है उसे उसका लाभ नहीं मिलेगा। यह सरकार बिचौलियों की है धंधेबाजों की है जो कमीशन खोरी में लगे रहते हैं। आप प्याज को ही देख लें और अब टमाटर को। किसान को कुछ नहीं मिलता।
19 hrs
·
Like
·
2
BN Pandey
Subsidy Bank Account me bhrejaa kaa rahaa hai ..Achchhaa lag rahaa hai..Gas Hum Non- Subsidy Rate per kharidane ke Aadi ho rahe hai... Future Me ek din Aayegaa jub Govt. Jaan legi ki hum .Non - Subsidy ke Aadi ho gaye hai...Dhire se Bank Me paisaa bhejanaa With draw ker legi.... Kisan ki Kheti Flood aur draught ke liye Govt. Se Insured honi chaahiye...Varanaa Apane waale dino me paisaa hote huye Anaaj ke naam per Kisaan desh logo ko "Baabaa Ji Kaa Thoollu" Dikhaa Degas....
18 hrs
·
Unlike
·
1
आशीष कैलाश तिवारी
कहॉ से हो??? सहकारी समितियों में उत्तम बीज व खाद मिलती नहीं और व्यापारी दोगुनी कीमत लेकर नकली खाद बेच रहा है।
18 hrs
·
Unlike
·
3
Dinesh Singh
मेरी जानकारी में जहाँ तक है वो गैस सब्सिडी की तरह ही उर्वरक सब्सडी भी बैंक में करने की योजना है--सर गैस सब्सिडी पुरानी योजना है या नई मुझे इससे मतलब नहीं है-लेकिन अगर गैस की ही तरह उर्वरक को किया जाता है तो फायदा दोनों को होगा सरकार को भी और किसान को भी--बिचौले ख़त्म होंगे--अभी सब्सडी के नाम पर कम्पनियाँ खुला ब्लैक मेलिंग कर रही हैं--देखते है क्या क्या कर रही है सरकार -
17 hrs
·
Unlike
·
2
S.p. Singh
चलो आज के लिए इतना डोज बहुत मोदी के लिए। कल कोई नया मुद्दा ढूढ॔ते हैं।
17 hrs
·
Like
·
2
Harihar Singh
बहुत सुन्दर।सत्य वचन।
14 hrs
·
Unlike
·
2
Javed Usmani
चिंतनीय स्थिति
13 hrs
·
Unlike
·
2
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment