कलम से____
ख्वाबों की
दुनियाँ में दुकान
दुनियाँ में दुकान
लगाये बैठे हैं
खरीदार
तुम भला कब
आओगे
सजाई है
यह महफिल
तेरे लिए
तुम भला कब
आओगे
सजाई है
यह महफिल
तेरे लिए
बात अपनी
कहने
और मेरी
सुनने
कब आओगे
कहने
और मेरी
सुनने
कब आओगे
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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