कलम से____
कहने को आया बसंत मन भरभाया है
लगता कुछ ऐसा मध्यम मध्यम क्षण है।
लगता कुछ ऐसा मध्यम मध्यम क्षण है।
बह रही ठंडी बयार चुभती चुभती सी है
बस यही मधुमास का पहला चरण है।
बस यही मधुमास का पहला चरण है।
पीताम्बरी ओढ़नी ओढ़के सजाई सेज है
पीली सरसों हँस रही देख प्रकृति का खेल।
पीली सरसों हँस रही देख प्रकृति का खेल।
प्रिये मधुर मधुमास का जो व्याकरण है
प्रकृति का वैभव उसी का अनुकरण है।
प्रकृति का वैभव उसी का अनुकरण है।
छू बसंती वायु सिहरन जागती जो
बस वही मधुमास का पहला चरण है।
बस वही मधुमास का पहला चरण है।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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