Thursday, November 13, 2014

चले गये दूर सात समंदर पार ।

कलम से____
कितना मुश्किल होता होगा
इस दिल को समझाना
सुबह को शाम
और शाम को सुबह समझना
लगता है तुम हो कहीं यहीं आसपास
कैसे कह दूँ,
चले गये दूर सात समंदर पार ।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
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