Saturday, November 15, 2014

आवाज देकर बुला लिया तुमने


कलम से____

चलते चलते
उस पड़ाव पर आकर रुक गया
जहाँ आकर महसूस यह हुआ
आगे यहाँ से अब जा न पाऊँगा
गया आगे तो फिर कभी लौट न आ पाऊँगा।

आवाज देकर बुला लिया तुमने
मैं यहाँ से आगे अब न जा पाऊँगा।

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
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  • Rp Singh Wah .....
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  • Anand H. Singh Great piece of nature's art form. Jo nahi janta uske liye AMAZING.
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  • Ram Saran Singh चलिए महोदय किसी ने अपना समझ कर रोक तो लिया वरना इस दुनिया में लोग ऐसे भी हैं जो धक्का मारकर ढकेल देने में आनंद पाते हैं । धन्यवाद ।
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  • Neeraj Saxena Bahut sunder
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  • Dinesh Singh बहुत ही लाजवाबSee Translation
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  • Rajan Varma जनाब हम तो उस सफ़र पर हैं जो one-way है- उसी रास्ते लौटना न तो संभव है अौर न ही कानून allowed; लौटना है तो किसी दूसरे मार्ग से- किसी अौर जन्म में, किसी अौर योनि में; 
    ख़ैर अब आप रुक ही गये हैं तो इस break में ये विचार किया जा सकता है कि क्या हम सही मार्ग पर हैं? हैं तो ठीक नहीं तो अभी भी दिशा सही की जा सकती है!!! समय भी है अौर अनुकूल भी!!!
    राधे राधे
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  • Neelesh B Sokey वाह वाह। लेकिन वीर तुम बढे चलो.........
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  • Harihar Singh क्या बात है।बहुत खूब।See Translation
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