Monday, November 17, 2014

सफर की ढ़लान

कलम से____
बुलंदियों पर पहुंच कर गुरूर ना करना,
सफर की ढ़लान
अभी बाकी है.....!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
LikeLike ·  · 

No comments:

Post a Comment