Thursday, November 27, 2014

हमारी तरफ से भी "हाँ " कुछ बात तो है

आज SP SINGH SAHEB ने एक कविता POST की थी कि उनके एक मित्र ने कहा है कि (कुछ बात तो है) हमारी तरफ से भी "हाँ " कुछ बात तो है उसके लिए आपके समक्ष एक कविता पोस्ट कर रहे हैं धन्यवाद
बात तेरी नहीं है ,
है तेरे किरदार की
तू चले तो चले
संग ज़माना
नहीं बात गुरुर की
है बात ऐतबार की ,
बंद पन्ने जब खोले हमने
बीती हुई हर बात निकली
देखते ही रह गये
आखों में रात निकली ,
है अब भी उन पन्नों में
रंगत तेरे ज़ज्बात की
बयां करते है हर लफ्ज़
अहसास तेरे किरदार की
आँखो से टपकता है
जवाँ रात का नूर
चेहरे पर झलकती है
रंगत तेरे किरदार की
आओ हम तेरा
एहसान चुका दें
गम लेलें तेरे सारे
और
खुशियाँ देदें
बात तेरी नहीं
है तेरे किरदार की
रमा सिंह
http://rammasingh.blogspot.in/
— with S.p. Singh.
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