Thursday, November 6, 2014

अक्सर हम हार मान लेते हैं

कलम से_____

अक्सर हम हार मान लेते हैं
यह जानकर कि उम्र हो गई है
उम्र तो होती रहती है 
यह मानकर जियें
तो जिन्दगी का मतलब ही बदल जाता है
जो लोग आपको
अंकल या आंटी कहकर बुलाने लगते हैं
कहने को मज़बूर होजाते हैं
जिन्दादिल हैं यारो
जिन्दगी जिन्दादिली से जी है
इसी को जिन्दगी जीना कहते हैैं........
पैसों का जिक्र मत करना यहाँ
बात खराब होती है
जेब खाली है अगर
बात तुम्हीं पर आकर गिरती है
अब हाल जैसा भी है
वह अपना बनाया हुआ है
उसके लिए दोष दूसरे को देना बुरा है
जो खुद नहीं कर पाये
वह कोई और न करेगा
भगवान के दरवाजे से भी
खाली हाथ आना पड़ेगा
रोज़ रोज़ भीख मांगना छोड़ो अब
कैसे कहूँ भरोसा
अपने पर करना सीखो तुम.....
लंबी है डगर हिम्मत से चल तू
हौसले बुलंद रख
मन से न टूटे तू
नब्बे का नहीं हुआ
है अभी पच्चीस का तू...........
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
LikeLike ·  · 

No comments:

Post a Comment