Monday, November 24, 2014

बाबूजी की छड़ी


कलम से____

बाबूजी की छड़ी
अचानक आज याद आ गई
बहुत काम करती थी
सहारनपुर से आई थी
चलते फिरते में साथ
हमेशा उनके रहती थी।
सोचा है अबकी बार गांव जाऊँगा
कुछ और नहीं उसे साथ ले आऊँगा
याद आ गईं कुछ पंक्तियाँ जो बचपन में थी पढ़ीं.......
लाठी में हैं गुण बहुत, सदा रखिये संग।
गहरि नदी, नाली जहाँ, तहाँ बचावै अंग।।
तहाँ बचावै अंग, झपटि कुत्ता कहँ मारे।
दुश्मन दावागीर होय, तिनहूँ को झारै।।
कह गिरिधर कविराय, सुनो हे दूर के बाठी।
सब हथियार छाँडि, हाथ महँ लीजै लाठी।।

(अभी तुरंत ज़रूरत नहीं पड़ रही है पर पड़ेगी कुछ साल बाद)

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

— with Puneet Chowdhary.
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  • Jitendra Kakkar यादों के गुलदस्तेSee Translation
    12 hrs · Unlike · 1
  • Harihar Singh जय हो बहतरीन अंदाजSee Translation
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  • Dinesh Singh बहुत ही सुंदर रचनाSee Translation
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  • BN Pandey SIR ES CHHARI SE KAAFI MILATI JULATI CHHARI MERE SMRITI -SHESH BAABUJEE KI BHI CHHARI HAI JO MERE DRAWING ROOM KI SHOBHAA PICHHALE 15 SAALO SE BARHAA RAHI HAI..............MAI BHI GHAR SE UNKI NISHAANI KE TAUR PER ES CHHARI KO AUR UNKE PURSH ME PARE KUCHH ALAG ALAG RUPAYO KI NOTES KO PRASAAD KE ROOP ME RAKKHAA HU.................AAJ AAP KE POST NE MUJHE BHAAUK KER DIYAA.............. AAJ JO KUCHH BHI HUM LOG HAASIL KIYE HAI EN LOGO KE ASHIRVAAD SE HI SAMBHAV HUAA HAI................SHAT- SHAT NAMAN........
    10 hrs · Unlike · 2
  • Sp Tripathi छड़ी ज़रूरी हो गई है सर । सुबह सुबह टहलने जाते समय कुत्तों का ख़तरा होता है। इनसे बचने के लिए 700 मीटर के लिए कार से जाना पड़ता है ।लखनऊ मे extendable baton नहीं मिली ।See Translation
    9 hrs · Unlike · 3
  • Rajan Varma छड़ी पिताश्री ने तो कभी नहीं इस्तेमाल की- या ज़रूरत नहीं पड़ी; पर मुझे बहुत शौक रहा है- जब भी हरिद्वार जाना होता है, छोटी, एक मीटर की सीधी छड़ ख़रीदना नहीं भूलता हूँ;
    8 hrs · Unlike · 3
  • Mohammed Mobin बुढ़ापे में एक छड़ी ही अच्छा साथी साबित हो सकता है .
    6 hrs · Unlike · 1
  • Ajay Kr Misra सुन्दर अभिव्यक्ति।
    झड़ी और लाठी लेकर पुराने समय मेँ यात्रा करने का विधान था।
    अब केवल सहारा के लिये, सर।
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    5 hrs · Edited · Unlike · 1
  • Ram Saran Singh महोदय । यह वृद्धावस्था का सहारा है । एक दिन सबको इसे पकड़ना है । आपने आने वाले दिनों की याद दिला दी । धन्यवाद ।
    5 hrs · Unlike · 1

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