Thursday, November 6, 2014

फूल एक गुच्छे

कलम से____
फूल एक गुच्छे से टूट मेरी हथेली पर गिरा
कहने लगा चूम लो अभी कुछ देर बाद सूख जाऊँगा, मैं !!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
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