Thursday, November 20, 2014

बुलंदियों पर पहुंच कर गुरूर ना करना

कलम से____
बुलंदियों पर पहुंच कर गुरूर ना करना,
सफर की ढ़लान
अभी बाकी है.....!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
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