Saturday, November 29, 2014

क्या कहूँ मैं


कलम से____

क्या कहूँ मैं कई रात सोई नहीं,
मन कहता था यह कर, कभी कहता वह कर,
जिंदगी भर मैं एक उलझन में रही।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
LikeLike ·  · 

No comments:

Post a Comment