Thursday, October 2, 2014

तुम्हारी यादों के झरोखों से

कलम से_____
तुम्हारी यादों के झरोखों से
मुझे रह रह कर याद आते हैं
वो लम्हे.....
.................तुम्हारे दिये गुलदस्ते को हमेशा निगाहों में बसा के रखते हैं !!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Subhash Sharma.
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