Friday, October 10, 2014

जिन्दगी वह नहीं

कलम से____

जिन्दगी वह नहीं
जो दूसरे की मदद न करे
जिन्दगी जीने का मज़ा ही
जब है कि तकलीफ में
आसपास कोई न रहे।
पूजा पत्थर के देवता
की तो सब करते हैं
बिरले ही लीक से
हट कर चलने की बात करते हैं।
मुश्किल होता है
राह नई बनाना
भला इन्सान ही
नई राह की तलाश करता है।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Subhash Sharma and Rajan Varma.
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