Friday, October 10, 2014

सुन यह सहारा भी छिनने वाला है

कलम से____

सुन यह सहारा भी छिनने वाला है
बिजली की यह केबल भी
स्मार्ट सिटी में
जमीन भीतर हो जायेगी
धरती के ऊपर कुछ नहीं रहेगा
पहले टेलीफोन के तार गये
फिर बिजली के
बैठने को कुछ नहीं बचेगा....
मोबाइल टावर के
आसपास हम जा नहीं सकते
कान हैं झन्नाते
गौरैया बहिना गई चली दूर
और साथी भी जा रहे छोड़
कुछ दिन के हैं और सही
हम मेहमान यहां
चलो चलें जंगल की ओर.....
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Subhash Sharma and 3 others.
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  • Anjani Srivastava बहुत सुन्दर सर जी ! 'स्मार्ट सिटी'.........
    तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है.......
    इच्छा पूरी उसकी होती है..जो तकदीर लेकर आता है !
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    19 hrs · Unlike · 2
  • Anand H. Singh Parindo ka bhi khayal rakhte hai,achha laga.See Translation
    18 hrs · Unlike · 1
  • आशीष कैलाश तिवारी हिया आदमी का ठिकाना नहीं है और आप चिड़िया के लिए चिंतित हैं.....? का नाम से.... जो है तो... कंडीशन वही है जो थी,,, क्या बीजेपी,,, क्या कांग्रेस... सब सिक्के के दो पहलू हैं See Translation
    18 hrs · Unlike · 1
  • Shravan Kumar Sachan Dayawan hona manusyata ki nisani hai
    18 hrs · Unlike · 1
  • Ramsevak Gupta manav ka shatru manav aur koi nahi.See Translation
    17 hrs · Unlike · 1
  • Raj Gupta आ अब लौट चलेंSee Translation
    16 hrs · Unlike · 1
  • Ram Saran Singh आदरणीय । एक बात तो सही है कि विकास के दौड़ में पशु और पक्षियों का बड़ा नुक़सान हुआ है । "गौरेया बहिना चली गई" । यह भी चर्चा आम है कि मोबाइल टावरों के कारण गौरैया लुप्तप्राय है । अब मात्र जंगल का सहारा है इनके लिए, बहुत सही चिंतन । धन्यवाद ।
    14 hrs · Unlike · 1
  • BN Pandey KAVI HRIDAY BAHUT KOMAL HOTAA HAI.......N KEWAL APANE SAMAAJ KA APITU ANY JEEV -JANTU KAA BHI UTANAA HI DHYAANRAKHATAA HAI............SADHUBAAD SIR
    3 hrs · Unlike · 1
  • S.p. Singh धन्य हो पाडें जी।
    3 hrs · Like · 1
  • BN Pandey NAMASKAAR SIR
    3 hrs · Unlike · 1

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