कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Monday, August 4, 2014
सोच नई एक देता है सोचो विषय पर यह कहता है।
मेरे दोस्त ने है भेजा
जो गुजरा था
उसके
और
खुदा
के बीच ।
सोच नई एक देता है
सोचो विषय पर
यह कहता है।
सुप्रभात मित्रों।
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Anil Kumar Srivastava
,
Shreya Singh Raghuvanshi
,
Kunwar Krishna Srivastava
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Brahmdeo Prasad Gupta
nice.
23 hours ago
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Devendra Kumar Yadav
मेरेविचार से ईश्वर ही महान है। हमसब कठपुतली है। दुनिया एक रंगमंच है। अच्छा बुरा जो हम करते है उसका फल किसी को इस जन्म मे किसी को अगले जन्म मे देताहै।
23 hours ago
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S.p. Singh
बहुत सुंदर विचार हैं।
22 hours ago
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Rajan Varma
वो खुदा जज बन कर फ़ैसला भर सुनाता है- किसी को चोर अौर किसी को धरमात्मा नहीं बनाता- वो हमारे खुद के किये कर्म होते हैं- वो तो बस उन कर्मों के आधार पर किसी को बदनसीब अौर किसी को मुकद्दर का सिकंदर लिख भर देता है-
22 hours ago
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S.p. Singh
कितना सुदंर लगता है fb यह बहस देख कर।
22 hours ago
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Arun Sharma
सुंदर रचना सर जी कोई कुछ भी कर ले सबसे बड़ा तो ..................
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21 hours ago
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Arun Kumar Singh
Sunder... Sir
21 hours ago
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Ram Saran Singh
आदरणीय सिंह साहब । आपके दोस्त ने़ वही लिखा जो सदियों से विचारकों , दार्शनिकों, ऋषियों, विद्वानों, धर्मवेत्ताओं को परेशान करता आया है । जवाब कोई नहीं है । न कभी मिला और न कभी मिलेगा । हाँ एक बात ज़रूर है कि हम भ्रम में जीने के आदमी हो गए हैंं । लेकिन यह रचना चिंता छोड़ जाती है ।
21 hours ago
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S.p. Singh
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
21 hours ago
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S.p. Singh
सिंह साहब। आपके HAL में ही हैं जिनसे मुझे इतने सुंदर विचार मिला करते हैं।
21 hours ago
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BN Pandey
MAANAV KO ARTHIK LAABH,-HAANI YAA MAAN APAMAAN KI PRAAPTI -APRAAPTI " PRAARABDH" SE HI HOTI HAI. PRAARABDH UN KARMO KAA NAAM HAI, JINKAA PHAL MILANAA PRAARAMBH HO GAYAA HAI AUR JO ES JANM KE PAHALE SE NISHCHIT KER DIYE GAYE HAI....................MAANAV KAA KARM HI USKAA BANK BAALENCE HAI .......APANI EKSHAA SE CHAAHE CREDIT KARO YAA DEBIT.JO BHI BARHEGAA KHUD KAA HOGA.ESKE LIYE KOI AUR JIMMEVAAR NAHI HAI.......SATYAM SHIVAM SUNDREM
21 hours ago
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S.p. Singh
अति उत्तम।
20 hours ago
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BN Pandey
DHAYBAAD SIR
20 hours ago
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Ishwar Dass
superb
20 hours ago
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SN Gupta
Wah wah
11 hours ago
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Kunwar Krishna Srivastava
Appreciable lines....
7 hours ago
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