कलम से____
शुभ्र धवल वस्त्र धारण किए
हँस हँसिनी के युगल से लगे
दूर से पास मेरी ओर आते हुए
मनमोहक स्वरूप धरे हुए।
पास आ बैठ वो जब गए
प्रश्न मन मेरे अनेक उठ गए
पूछ बैठा कहाँ निवास है
बोले आपके ही पास है।
साहस कर फिर पूछा पता क्या है
रहते हैं हम सबके मन यही पता है
दुबारा देखा वहाँ कोई भी नहीं था
लगा मुझे मेरी आँखों का भ्रम था।
वो हर समय यहाँ वहाँ रहता है
आसपास ही वह हमारे रहता है।
//surendrapal singh//
08 09 2014
http://1945spsingh.blogspot.in/ — with Puneet Chowdhary.
शुभ्र धवल वस्त्र धारण किए
हँस हँसिनी के युगल से लगे
दूर से पास मेरी ओर आते हुए
मनमोहक स्वरूप धरे हुए।
पास आ बैठ वो जब गए
प्रश्न मन मेरे अनेक उठ गए
पूछ बैठा कहाँ निवास है
बोले आपके ही पास है।
साहस कर फिर पूछा पता क्या है
रहते हैं हम सबके मन यही पता है
दुबारा देखा वहाँ कोई भी नहीं था
लगा मुझे मेरी आँखों का भ्रम था।
वो हर समय यहाँ वहाँ रहता है
आसपास ही वह हमारे रहता है।
//surendrapal singh//
08 09 2014
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