कलम से____
कमजोर हो गए हो बहुत
कुछ खा पी लिया करो
घरवाली ने इतना कह कर
मेरा दिल खुश कर दिया।
पीने के नाम पर मन प्रसन्न बहुत हुआ
खाने के लिए भुना मुर्गा मंगा लिया
बैठ गए यार चार मिल जाम टकरा दिया
मौसम में बदली छाने का इंतजार ना किया।
थोडी ही देर में वह हो गई हमपर सवार
नीचे थे हम ऊपर चढ़ बैठे थे यार
अंग्रेजी बोलने का दौर जो शुरू हुआ
रुकने को कोई भी तैयार न हुआ।
नौबत आपस में हाथापाई पर पहुंच गई
सुन कर कहानी हमारी पुलिस भी आ गई
सारा नशा काफूर हुआ पुलिस को देख कर
शरीफजादों सा व्यवहार किया सोच समझ कर।
(आज शनिवार है कुछ के लिऐ मौज मस्ती का दिन - एक कटाक्ष)
//surendrapalsingh//
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with Puneet Chowdhary.
कमजोर हो गए हो बहुत
कुछ खा पी लिया करो
घरवाली ने इतना कह कर
मेरा दिल खुश कर दिया।
पीने के नाम पर मन प्रसन्न बहुत हुआ
खाने के लिए भुना मुर्गा मंगा लिया
बैठ गए यार चार मिल जाम टकरा दिया
मौसम में बदली छाने का इंतजार ना किया।
थोडी ही देर में वह हो गई हमपर सवार
नीचे थे हम ऊपर चढ़ बैठे थे यार
अंग्रेजी बोलने का दौर जो शुरू हुआ
रुकने को कोई भी तैयार न हुआ।
नौबत आपस में हाथापाई पर पहुंच गई
सुन कर कहानी हमारी पुलिस भी आ गई
सारा नशा काफूर हुआ पुलिस को देख कर
शरीफजादों सा व्यवहार किया सोच समझ कर।
(आज शनिवार है कुछ के लिऐ मौज मस्ती का दिन - एक कटाक्ष)
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