Good morning friends.
सुप्रभात।
08 27 2014
अज्ञान हमें एक कोठरी में बन्द करके रखना चाहता है, जहाँ अधंकार, अहंकार, सीलन और सडांध है। एक बार यह दरवाजा खोल बाहर निकल लो फिर आप स्वयं महसूस करने लगोगे कि जीवन एक उत्सव है।
अतः मेरे प्यारो अपने घर के दरवाजे और खिड़की खोल दो झांकने दो उनको जिनको आदत है झरोखों से झांकने की।
हर बन्द दरवाजे और खिड़की पर निगाह इनकी लगी है कि इनके पीछे कौन कितना नंगा है।क्या कर रहा है।जब आप खुद ब खुद खड़े हो जाएगें उन दरारों से कोई क्या देखेगा। मन पर पड़े आवरण हैं। आइने पर पड़ी धूल है, हटा दीजिए। दुनियां अपने आप खूबसूरत हो ही जाएगी।
कलम से____
यहाँ हर किसी को, दरारों में झाकने की आदत है,
दरवाजे खोल दो, कोई पूछने भी नहीं आएगा....!!!!
//surendrapalsingh//
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with Puneet Chowdhary.
सुप्रभात।
08 27 2014
अज्ञान हमें एक कोठरी में बन्द करके रखना चाहता है, जहाँ अधंकार, अहंकार, सीलन और सडांध है। एक बार यह दरवाजा खोल बाहर निकल लो फिर आप स्वयं महसूस करने लगोगे कि जीवन एक उत्सव है।
अतः मेरे प्यारो अपने घर के दरवाजे और खिड़की खोल दो झांकने दो उनको जिनको आदत है झरोखों से झांकने की।
हर बन्द दरवाजे और खिड़की पर निगाह इनकी लगी है कि इनके पीछे कौन कितना नंगा है।क्या कर रहा है।जब आप खुद ब खुद खड़े हो जाएगें उन दरारों से कोई क्या देखेगा। मन पर पड़े आवरण हैं। आइने पर पड़ी धूल है, हटा दीजिए। दुनियां अपने आप खूबसूरत हो ही जाएगी।
कलम से____
यहाँ हर किसी को, दरारों में झाकने की आदत है,
दरवाजे खोल दो, कोई पूछने भी नहीं आएगा....!!!!
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