कलम से____
मिलने को तो मिलते हैं वो बडे तपाक से
ऐसे लोगों के अक्सर दिल नहीं मिला करते।
हैलो कहते हैं हँसीं भी नकली सी लगती है
आह भी एक अजीब सी दिल में उठती हैै।
रिश्तों की मौत तो पहले ही हो चुकी है
पौधे को कभी प्यार से सींचा ही नहीं है।
टेलीफोन से हँस के हैलो क्या किया है
मरते हुए रिश्ते को थोडा उबार लिया है।
कुछ दिन बाद इसकी भी जरूरत नहीं रहेगी
जज्बातों के साथ साथ रिश्ते मर चुके होंगे।
//surendrapal singh//
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with Puneet Chowdhary.
मिलने को तो मिलते हैं वो बडे तपाक से
ऐसे लोगों के अक्सर दिल नहीं मिला करते।
हैलो कहते हैं हँसीं भी नकली सी लगती है
आह भी एक अजीब सी दिल में उठती हैै।
रिश्तों की मौत तो पहले ही हो चुकी है
पौधे को कभी प्यार से सींचा ही नहीं है।
टेलीफोन से हँस के हैलो क्या किया है
मरते हुए रिश्ते को थोडा उबार लिया है।
कुछ दिन बाद इसकी भी जरूरत नहीं रहेगी
जज्बातों के साथ साथ रिश्ते मर चुके होंगे।
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