कलम से ____
आग लगा दो इन तहखानों में
न जाने क्या छिपा के रखा है
इनसान देखने को नहीं मिलता
हैवान दिल में बिठा रखा है।
मुरदे देखने को बहुत मिलेंगे
जिन्दादिल नजर न आएगें
हसीन देखने में जरूर आएगें
दिल के करीब न कभी पायेंगे।
चाहत मेरी हमेशा यह रहेगी
खुशी जिदंगी में बसती होगी
वो बात कुछ अलग सी ही होगी
एक आखं हंस औ" दूसरी रो रही होगी।
//surendrapalsingh//
08 02 2014
http://1945spsingh.blogspot.in/
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with Puneet Chowdhary.
आग लगा दो इन तहखानों में
न जाने क्या छिपा के रखा है
इनसान देखने को नहीं मिलता
हैवान दिल में बिठा रखा है।
मुरदे देखने को बहुत मिलेंगे
जिन्दादिल नजर न आएगें
हसीन देखने में जरूर आएगें
दिल के करीब न कभी पायेंगे।
चाहत मेरी हमेशा यह रहेगी
खुशी जिदंगी में बसती होगी
वो बात कुछ अलग सी ही होगी
एक आखं हंस औ" दूसरी रो रही होगी।
//surendrapalsingh//
08 02 2014
http://1945spsingh.blogspot.in/
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with Puneet Chowdhary.
No comments:
Post a Comment