Sunday, August 3, 2014

आग लगा दो इन तहखानों में

कलम से ____

आग लगा दो इन तहखानों में
न जाने क्या छिपा के रखा है
इनसान देखने को नहीं मिलता
हैवान दिल में बिठा रखा है।

मुरदे देखने को बहुत मिलेंगे
जिन्दादिल नजर न आएगें
हसीन देखने में जरूर आएगें
दिल के करीब न कभी पायेंगे।

चाहत मेरी हमेशा यह रहेगी
खुशी जिदंगी में बसती होगी
वो बात कुछ अलग सी ही होगी
एक आखं हंस औ" दूसरी रो रही होगी।

//surendrapalsingh//
08 02 2014

http://1945spsingh.blogspot.in/

and

http://spsinghamaur.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary.

Photo: कलम से ____

आग लगा दो इन तहखानों में
न जाने क्या छिपा के रखा है
इनसान देखने को नहीं मिलता
हैवान दिल में बिठा रखा है।

मुरदे देखने को बहुत मिलेंगे
जिन्दादिल नजर न आएगें
हसीन देखने में जरूर आएगें
दिल के करीब न कभी पायेंगे।

चाहत मेरी हमेशा यह रहेगी
खुशी जिदंगी में बसती होगी
वो बात कुछ अलग सी ही होगी
एक आखं हंस औ" दूसरी रो रही होगी।

//surendrapalsingh//
08 02 2014

 http://1945spsingh.blogspot.in/

and

http://spsinghamaur.blogspot.in/
  • Puneet Chowdhary Sir very rightfully u have done this painful piece of poetry.
    20 hours ago · Unlike · 1
  • Puneet Chowdhary kaviraaj dard ko mala mein pero diya aapne to
    20 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh पुनीत

    गम तुम्हारे देख हम पिघल गए
    हमारे गम थोडे और बढ गए।
  • Ram Saran Singh बहुत बढ़िया । आज आपकी रचना से ज्वाला फूट रही है । कब तक सहेगी हैवािनयत को आपकी लेखनी धन्यवाद ।
    19 hours ago · Unlike · 1
  • Puneet Chowdhary Thanks kavi shreshtha
    19 hours ago · Unlike · 1
  • Brahmdeo Prasad Gupta revolutionary ideas reminds of mahakavi niralajee.
    19 hours ago · Unlike · 1
  • Sp Tripathi इस कविता पर कुछ लिखने के लिए एक आलोचक और ज्ञानी होना पड़ेगा । मैं असमर्थ हूँ । हाँ ,अच्छी लगी ,भावों मे गोते लगा रहा हू ।See Translation
    18 hours ago · Unlike · 1
  • SN Gupta Awesome
    17 hours ago · Unlike · 1
  • आपने न जाने क्या क्या कह दिया
    दिल मेरा हंस दिया थोडा रो लिया।
    ...See More

    • Chhavi Gautam S.p. SinghIs quadar bheed ke nikalne ko raah nahin aur jisko bhi dekho gaur se wahi tanhaa sa lage hai.
    • S.p. Singh बहुत खूब।
    • S.p. Singh Rajan Varma : How did this particular one missed your attention, me little bewildered.
    • Ajay Kumar Misra ॥ हृदयस्पर्शी रचना ॥See Translation
      20 hours ago · Unlike · 1
    • Rajan Varma मैं त्रिपाठी सर की बात से सहमत हूँ- इस पर कोई टिप्पणी करने के लिये या तो ज्ञानी या तो आलोचक होना पड़ेगा- अौर मैं दोनों ही नहीं हूँ इसीलिये ये बार-बार नज़रों से हो गुज़रती थी अौर मैं शूरू में ही अटक जाता था 'तहखानों' में- कि आपका इशारा किस तहखाने की अोर...See More
      19 hours ago · Unlike · 2
    • S.p. Singh मुझे लगा था यह कविता मेरी अभी तक लिखी गई कविताओं में श्रेष्ठ है यह नहीं कहता सर्वश्रेष्ठ है। चूंकि सर्वश्रेष्ठ तो जीवन का अंतिम छोर पकडने तक आएगी।
      आपकी विवेचना अति उत्तम है।
      19 hours ago · Like · 2

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