Sunday, August 3, 2014

सुप्रभात दोस्तों। 08 03 2014

सुप्रभात दोस्तों।
08 03 2014

बुझा दो
कल रात जो जलाई थी
बत्ती गुल हो जाने पर
जिसकी याद आई थी।

दिन तो उजाले में
कट जाते थे
कटती न थी रातें
साथ बस देती तेरी लौ
औ' रोशन करती थी रातें।

जरूरत के मुताबिक
मद्धम करो या करो तेज
था यह मुनासिब
ले के निकल लो गली में
या आंगन में।

पौ होने को है
रात भर जली है
बुझा दो इसे
आराम यह भी कुछ कर ले
थोडा सुस्ता ले
रात भर
फिर से जलेगी
उजाला जीवन में
किसी के करेगी।

मेरी लालटेन .........
रात भर जलेगी।

रविवार का दिन है आज अवकाश है
लगता है इन्द्रदेव भी प्रसन्न रहेगे आपको भी प्रसन्न रखेगें।

शुभदिन की कामना करते हुए .......
 — with Puneet Chowdhary.

Photo: सुप्रभात दोस्तों।
08 03 2014

बुझा दो
कल रात जो जलाई थी
बत्ती गुल हो जाने पर
जिसकी याद आई थी।

दिन तो उजाले में
कट जाते थे
कटती न थी रातें
साथ बस देती तेरी लौ
औ' रोशन करती थी रातें।

जरूरत के मुताबिक
मद्धम करो या करो तेज
था यह मुनासिब
ले के निकल लो गली में
या आंगन में।

पौ होने को है
रात भर जली है
बुझा दो इसे
आराम यह भी कुछ कर ले
थोडा सुस्ता ले
रात भर 
फिर से जलेगी
उजाला जीवन में
किसी के करेगी।

मेरी लालटेन .........
रात भर जलेगी।

रविवार का दिन है आज अवकाश है
लगता है इन्द्रदेव भी प्रसन्न रहेगे आपको भी प्रसन्न रखेगें।
 
शुभदिन की कामना करते हुए .......

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