Tuesday, August 5, 2014

बेनकाब होगा हुस्न तभी तो दिखेगा पर्दे के पीछे क्या है पता कैसे लगेगा।

कलम से____

बेनकाब होगा हुस्न तभी तो दिखेगा
पर्दे के पीछे क्या है पता कैसे लगेगा।

नजरें चार होंगीं मुलाकात हसीन होगी
उसी के बाद मोहब्बत की शुरूआत होगी।

गश खाके गिर न जाऊँ जरा सभाँलना
बेपनाह मोहब्बत कँरूगा तुम देख लेना।

सेहरा बांध तेरे दर पर एक रोज आऊंगा
तुझे सदा के लिए मैं अपना बना ले जाऊँगा।

//surendrapal singh//
08 05 2014

http://1945spsingh.blogspot.in/

and

http://spsinghamaur.blogspot.in/
Photo: कलम से____

बेनकाब होगा हुस्न तभी तो दिखेगा
पर्दे के पीछे क्या है पता कैसे लगेगा।

नजरें चार होंगीं मुलाकात हसीन होगी
उसी के बाद मोहब्बत की शुरूआत होगी।

गश खाके गिर न जाऊँ जरा सभाँलना
बेपनाह मोहब्बत कँरूगा तुम देख लेना।

सेहरा बांध तेरे दर पर एक रोज आऊंगा
तुझे सदा के लिए मैं अपना बना ले जाऊँगा।

//surendrapal singh//
08 05 2014

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  • Anjani Srivastava 'सेहरा बांध तेरे दर पर एक रोज आऊंगा'> बहुत ही अच्छा लगा सर, शायद अपना 'लब्ज' कहने का तरीक़ा सही नहीं हो, क्षमा कीजियेगा सर जी ! "बच्चे झगड़ रहे थे मोहल्ले के...
    जाने किस बात पर...
    सूकून इस बात का था...
    न मंदिर का ज़िक्र था...
    न मस्जिद का...”
    See Translation
    16 hours ago · Unlike · 3
  • Sp Dwivedi Dil abhi jawan hai. Wah, Bahut khub sir.
    16 hours ago · Unlike · 2
  • Shravan Kumar Sachan Rasik balma dil kyon lagaya tosey dil kyon lagaya..... Like your jindadili...
    16 hours ago · Unlike · 2
  • Puneet Chowdhary Kaviraaj seedha paani se bijli likal rahe hai.Na machinery na power plant direct current
    16 hours ago · Unlike · 3
  • Sp Tripathi सर, इस कविता को मैं नाम दे दूँ । ख़्वाहिशें मुझे कुछ कुछ ठीक लग रहा है ।See Translation
    15 hours ago · Unlike · 2
  • Ram Saran Singh बड़ी रूमानियत में लिखा है आपने । पूरे मिज़ाज और तबीयत से । धन्यवाद ।
    15 hours ago · Unlike · 3
  • S.p. Singh आपका दिल बहल गया
    मुझे दुआ मिल गई
    किसी ने सहारा क्या दिया
    मेरी जिन्दगी सबंर गई।
    हम लोग अलग अलग समय में अलग सोच रखते हैं। जो बाहर आता है तो बस यही सुदंर अहसास बन कर आता है। आप बंधुओं का आषीश मिलता रहे यही इच्छा बनी रहती है।
    14 hours ago · Edited · Like · 1
  • Harihar Singh क्या चल रहा हैSee Translation
  • Bhawesh Asthana Niklo na benaqab qayamat aa jayegi,
    rukh pe rakkho hijab ibadat ajayegi Nazron se nazrein jo mili dil behak jayega,
    kuchh sharm rakhiye janab nazakat aa jayegi
    13 hours ago · Unlike · 2
  • S.p. Singh वाह वाह। शुक्रिया।
  • SN Gupta वाह वाह अतिसुन्दर ,सिंह साहब
    13 hours ago · Unlike · 2
  • Rajan Varma 'सेहरा बाँध तेरे दर पर एक रोज़ आऊंगा, तुझे सदा के लिये अपना बना ले जाऊँगा'- इतनी सीधी-सादी थी क्या आपकी love-story? न कोई विरोध, न कोई न-नुकर- लगता है ऊपर वाले ने आपको सस्ते में हुस्ने-मुहौब्बत दे दी- वरना आशिक-दिवाने तो बेचारे आग का दरिया लाँघ कर जाते हैं अपने सनम को लिवाने
    13 hours ago · Unlike · 3
  • S.p. Singh ऐसा नहीं है कि कहानी इतनी आसान सी थी। मुश्किलातों से परिपूर्ण सफर था but for a while as a change यह प्रयोग किया है कि अपनी बात सीधे सीधे कह दो।
    लगता है कि प्रयोग चल गया।
    बहुत बहुत धन्यवाद।
    12 hours ago · Like · 2
  • Chadha Vijay Kumar दीवाने हैं तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं;कैसे कहें कि हमें तुमसे प्‍यार नहीं;
    कुछ तो कसूर है आपकी आँखों का;हम अकेले तो गुनहगार नहीं।

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