Sunday, February 1, 2015

Raebareli Days

कलम से____
शुरूआती दौर की बात है, नई नई नौकरी लगी थी ITI में। 'नोट' वगैर लिखे काम नहीं चलता था। कुछ भी करना हो तो 'नोट'। न करना हो थो 'नोट'। बहरहाल वगैर 'नोट' के गुज़ारा नहीं था। Sorry don't mistake me for currency note. I am referring to a Note on the Notesheet of a Government file.
मैं बेहतर से बेहतर नोट लिखता और कोशिश रहती कि सभी बिंदुओं पर विशिष्ट ध्यान आकर्षित करते हुए अपने बिंदु पर रहूँ और जिसका अनुमोदन प्राप्त करना हो वह काम हो जाय।
इस बात में मुझे mastery हासिल थी ऐसा मेरे दोस्त और वरिष्ठ अधिकारी कहते थे, मैं नहीँ।
हमारे जनरल मैनेजर साहब, जो कि भारत सरकार के उच्च अधिकारी रह चुके थे, मेरी नोटिंग्स पढ़ कर बहुत प्रभावित होते थे और मुझे लगता था कि चलो अपना काम बन गया।
परंतु ऐसा हुआ नहीं कि उन्होंने कोई भी प्रस्ताव एक बार में मान लिया हो। हर बार यह कह कर कि इसको इस दृष्टिकोण से और देख लो और फिर फाइल वापस मेरे पास।मैं भी था, थोड़ा ज़िद्दी स्वभाव का। जो कहते, उस बिन्दु पर फिर नोटिंग लिख फिर फाइल उनकी सेवा में भेज दिया करता था।
मज़बूरन उनको तब फाइल पर लिखे प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति देनी पड़ती थी। आज भी यह सब फाइलें रिकार्ड रूम की शोभा बढ़ा रही होंगी, रायबरेली इकाई में।
जब कभी ऐसा होता था, तब हम अपने साथियों के बीच एक जुमला कहते थे और दिल खोल कर हँस भी लिया करते थे। वह था :-
" Jhnony won't hit today मूड था साहब का, पर आज hit करने पर मज़बूर कर ही दिया जी एम साहब को।"
I thought that this anactode let me share today with my Facebook friends because some of you who are yet in job may be having such difficult boss to deal with.
शुक्रिया।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
— with Rajan Varma and Ram Saran Singh.
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  • Ram Saran Singh महोदय । इसे पढ़कर ऐसा लगा जैसे हम आप बैठ कर बातें कर रहे हों आपने लिख दिया । अभी इस वर्ष दिसंबर तक मुझे इन नोटों से दो चार होना है । लेकिन कभी कभी मज़ा भी आता है ऐसी तकझक और तर्क में । धन्यवाद ।
  • Ajay Kr Misra Purani baten yad aate hi sukhad ehasas hota hai, thanks for sharing. Sir
  • Rajan Varma नोट हरे पेज पर ही बनाना होता है- ये पहला सूत्र था जो पढ़ाई पूरी करने के बाद अौर आई०टी०आई० में भर्ती होने के कुछ दिनों बाद ही पता चल गया था; 
    भाई साॅ का लेख पढ़ कर उन एक-दो, गिने-चुने झक्की अौर अक्खड़ बाॅसों की याद ताज़ा हो आई- ईश्वर उनको जीवन में शान्ति प्रदान करे- जो गाली के बिना वाक्य शुरू करना- मर्दों की शान के ख़िलाफ़ समझते थे!!!!!!
  • Sp Tripathi सर, एक महोदय तो रास्ते मे हुई कैजुअल बातों पर भी नोट भेज देते थे।
  • Brahmdeo Prasad Gupta a good note in a govt file is a insurance against any future happening.
  • BN Pandey Jub baat chal hi gayee Hai to ek baat share karana jaroori ho gayaa Hai....ITI Ltd. Mkp. Me ek Samay Aisaa tha Jub Ek hi top management officer Production Ke saath saath HR kaa Bhi head bansayaa gayaa... Hum log Production Deptt. Se the.. Productio...See More
  • Rajan Varma This happens only in India......arrrr only in ITI;
  • S.p. Singh I would expect more such anactodes to be shared by our friends. We all will, I hope, relish.
  • Arun Kumar Singh सर आपकी परंपरा को मै आई टी आई नैनी मे आप की वजह से अभी भी कायम रखा हुआ हु
  • Chadha Vijay Kumar Singh Sahib,its amply clear that you were having control over yours Boss
  • Chadha Vijay Kumar V B Sheety Sahib on visit to Machine shop at ITI Naini used to fire us very regularly without giving us any chance to explain the reason;so I started to be very much concerned how to make this firing stop.The third day instead of being serious on his f...See More
  • S.p. Singh जब बात चल ही पड़ी है तो मझे एक वाकया याद आ रहा है।

    ITI Ltd. Raebareli को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से यह गारंटी दी गई थी कि इस इकाई को round the clock uninterrupted power supply दी जाएगी और शायद इसी विनाह पर यह यूनिट रायबरेली में लगाई गई थी। 


    बाद में हुआ यह कि जब चाहे तब बिजली कटने लगी। उस समय बड़ी मुश्किल से Corporate Office से एक DGSet लगाने की परमीशन मिली। एक unused DGSet Scooters India Ltd में था उसको खरीदने के लिए approval मिला।

    बमुश्किल वह DGSet रायबरेली लाया गया जो 22 tons के वजन का था। रास्ते में जिस ट्रेलर से लाया जा रहा था उसके लाने में लगभग 15,000 रुपये खर्च किये गये हमारे एक आधिशासी अभियंता द्वारा जिसका approval नहीं लिया गया था।

    जब नोटशीट बना कर postfacto approval के लिए भेजी गई तो हमारे वित्त विभाग ने as usual टाँग मार दी और approval अंततोगत्वा नहीं मिला।

    जब तह फाइल मुझे मिली, तो मुझे गुस्सा आया जो जायज़ भी था उन हालात में, मैंने फाइल पर नोट लिखा कि अब खर्चा तो हो चुका है जो वापस नहीं हो सकता इसलिए वो सारा धन मेरी तनख्वाह से काट लिया जाय।
    और फाइल आगे बढ़ा दी।

    जब यह फाइल प्रोजेक्ट इंजीनियर के सामने गई तो उन्होंने noting कर दी कि सारा amount मेरे और उनकी तनख्वाह से बराबर बराबर काट लिया जाय और यह केस फाइल बंद की जाय।

    यह फाइल उसके बाद हमारे वर्क्स मैनेजर के सामने पुट अप हुई। वह क्या करें, समझ नहीं आ रहा था तो उन्होंने मुझसे कहा यह पैसा तुम लोगों की तनख्वाह से किसी भी हालत में नहीं कटेगा। और फाइल पर नोटिंग कर दी कि सारा पैसा उनकी खुद की तनख्वाह में से काट लिया जाय and for heavens sake this file should be closed for ever. फाइल को सीधे General Manager को भेज दिया। Normally सारे proposal जहां expanses involved हों वो सब Finance Head के through ही भेजी जातीं हैं।

    General Manger साहब धर्म सकंट में आ गए पर उन्होंने special powers को use करते हुए सारा expenditure aporove किया। तब जाकर कहीं वह case file बंद हुई।

    ऐसा होता है note और notesheet का कमाल।

    धन्यवाद मित्रों।
  • Rajan Varma बहुत कम बाॅस ऐसे होते हैं जो अपने मात्हत् अफ़सरों के सही कार्यों पर स्टैंड लेते हैं अन्यथा अधिकतर तो क्रैडिट ख़ुद रख लेते हैं- being the natural leader of the team- अौर जहाँ ownership लेने की बात आती है- तो बड़ी सहजता से अपने से जूनियर अधिकारी के सर ठीकरा फ़ोड़ देते हैं-
  • Chadha Vijay Kumar Similar to this on sending one starter switch to sandwa colony we were called in GM Chamber and he warned that amount shall be cut from our salary but in my inner thought I was comfortable as ITI was not paying any salary so where to cut when there is no payment
  • Chadha Vijay Kumar GM was fully at back end support who was this gentle man Sir
  • S.p. Singh Mr. MP Shukla ji. Incidentally, he must have been your boos too at Naini. I am referring to the era of 1877-78.
  • Baba Deen apka kathan satya hai ,ismen koi shak nahin .
  • Balbir Singh mera experiance aap se alag hai.baat RBLunit ki hai .ek baar paper mein ITI ke liye electrical engineer ke liye Ad nikala 45 saal ke experiance ke saath,itne experiance ka candidate mil nahi raha tha Lakin mari nazaron mein ek person tha usne apply ki...See More
  • Krishan Kumar Sharma Sir,you are genius in writing .
  • Udaya Veer Singh ब्रिलियंट ...

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