सुप्रभात
Good morning dear friends.
10 06 2014
Good morning dear friends.
10 06 2014
"आप कुछ देखते हैं; तो कहते हैं, "क्यों?", लेकिन मैं असंभव से सपने देखता हूँ और कहता हूँ, "क्यों नहीं?"
~ जॉर्ज बर्नार्ड शॉ।
यह विचार उत्तम है
ढूढंता उत्तर है
उत्तर से सम्भावनाएं बनती हैं
सम्भावनाओं से रचनाकार रचना करते है
साइसंदा नई नई ईजाद करते हैं
कहानीकार कहानी कहते हैं
कवि कविता लिखते है
निरुत्तर जब हो जाते हैं
स्वयं हम,
सारे रास्ते बंद करते हैं।
ढूढंता उत्तर है
उत्तर से सम्भावनाएं बनती हैं
सम्भावनाओं से रचनाकार रचना करते है
साइसंदा नई नई ईजाद करते हैं
कहानीकार कहानी कहते हैं
कवि कविता लिखते है
निरुत्तर जब हो जाते हैं
स्वयं हम,
सारे रास्ते बंद करते हैं।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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