कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Friday, October 31, 2014
साजो सामान साथ लेकर घर से निकला हूँ
कलम से____
साजो सामान साथ लेकर घर से निकला हूँ
मिलूँगा उनसे,
जहां में, जहां जाकर मिलतीं हैं ...
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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Sp Tripathi
,
SN Gupta
,
Ajai Kumar Khare
and
20 others
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Harihar Singh
क्या बात है
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Yesterday at 5:58am
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Sp Dwivedi
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नमन आपको मित्रवर,सुमंगल हो नित्य |
मंगल ही मंगल करें,सदा बारह आदित्य |
Yesterday at 6:28am
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Neeraj Saxena
Kaya bat hai
Yesterday at 8:37am
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Ajay Kumar Misra
शुभ प्रभात् सर,
बहुत खूब
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Yesterday at 10:29am
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Ram Saran Singh
महोदय, यह बात समझ में नहीं आ रही है । इससे ज़्यादा और क्या कहूँ
Yesterday at 9:48am
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Rajan Varma
.....जहाँ जा कर मिलती है ये रेल की लाइनें'
अर्थात इस जन्म में तो मेल संभव ही नहीं- ग़र मैं टाइटल चित्र कि मानूँ तो!!!
Yesterday at 10:17am
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Brahmdeo Prasad Gupta
determination.
23 hrs
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