कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Thursday, October 2, 2014
तुम्हारी यादों के झरोखों से
कलम से_____
तुम्हारी यादों के झरोखों से
मुझे रह रह कर याद आते हैं
वो लम्हे.....
.................तुम्हारे दिये गुलदस्ते को हमेशा निगाहों में बसा के रखते हैं !!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
— with
Subhash Sharma
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Suresh Sinha
,
Hari Shankar Pandey
,
Padma Kant Dubey
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Sp Dwivedi
कवि -कवियत्री और कविता में बातें ,आह्लादकारी
Yesterday at 5:22pm
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Puneet Chowdhary
Sir nostalagic feeling
Yesterday at 5:35pm
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Ram Saran Singh
महोदय, यादों का संबल लिए जीवन गुज़र जाता है । लेकिन कसक बनी रहती है । धन्यवाद ।
23 hrs
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SN Gupta
बहुत सुन्दर
22 hrs
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3
Shubham Kapur
nice
21 hrs
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Brahmdeo Prasad Gupta
nice.
13 hrs
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