कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Monday, October 6, 2014
अल्हड़ अदा ये मासूम हँसी लेकर हम भला कहाँ जाएगें
कलम से____
अल्हड़ अदा
ये मासूम हँसी लेकर हम भला कहाँ जाएगें
आप जब जब याद करिएगा
हमें अपने करीब पाइएगा !!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
— with
Subhash Sharma
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Narendera Pal Singh
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Ram Saran Singh
माननीय, मुगले आज़म की याद आ गई । ये भोली मुस्कान कुछ कहती है । इसमें कोई छल प्रतीत नहीं होता । धन्यवाद ।
Yesterday at 4:14pm
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Ravi Jindal
Yesterday at 4:30pm
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Singh Meera Kashyap
My favrt.
23 hrs
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S.p. Singh
I think iconic figure and favourite of millions.
23 hrs
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S.p. Singh
सिंह साहब सही फरमाया कि इस हंसी के पीछे छल प्रतीत नहीं होता। इस हसीं को कभी हकीकत में हसीं भी नसीब नहीं हुई। कभी अपने खुद के बाप बीच आगए तो कभी किस्मत ने ही साथ न दिया।
21 hrs
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Anand H. Singh
Madhu Bala- great smile & gorgeous actress.
21 hrs
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