Wednesday, December 24, 2014

बयार कभी ऐसी भी चले

कलम से____
बयार कभी ऐसी भी चले
चले चाहे पूरब से
या पश्चिम से
दरद का अहसास हो सबको
हक हमको हमारा भी मिले !!!!!
पेशावर के बच्चों की याद में....
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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